शिमला. दिल्ली दौरे से लौटकर आये मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार और संगठन के बीच की खींचतान को अब पूर्ण विश्राम लग गया है. उन्होने कहा कि अब यहां कोई विवाद नहीं है. मुख्यमंत्री के इस बयान से साफ हो गया है कि उन्हें दिल्ली में पार्टी हाइकमान से स्वतंत्र रूप से काम करने की आजादी (फ्रीहैंड) मिल गयी है.
दिल्ली में मुख्यमंत्री ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सलाहकार अहमद पटेल, पार्टी प्रभारी सुशील कुमार शिंदे और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. वीरभद्र सिंह ने इन नेताओं से मिलकर साफ कर दिया कि हिमाचल में कांग्रेस मजबूत स्थिति में रहेगी यदि उनको पूरी जिम्मेदारी दी जाये. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू बैठक के लिये दिल्ली भी नहीं गये बल्कि अनमने ढंग से ही सही शिमला में प्रेसवार्ता कर कहा कि हिमाचल में चुनाव वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जायेंगे लेकिन संगठन की कमान उन्हीं के पास रहेगी.
बेटे के लिये बिछा रहे हैं बिसात
अब पार्टी संगठन में भी बड़ा बदलाव हो सकता है. वीरभद्र सिंह अपने चहेतों को अहम पदों पर एडजस्ट करने की कोशिश करेंगे. ताकि टिकट आबंटन में अपनों को लाभ दिया जा सके. वीरभद्र सिंह ने इसके लिए कवायद शुरू भी कर दी है. उन्होंने शिमला ग्रामीण अध्यक्ष की कमान अपने खासमखास यशवंत छाजटा को दे दी है क्योंकि इसी सीट से वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह चुनाव लड़ेंगे. उन्हीं के लिये बिसात बिछायी जा रही है. वीरभद्र सिंह ने विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में उतारने के लिए पूरी रणनीति बना दी है. हाल ही में शिमला ग्रामीण के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने जनसभा में इसका ऐलान भी कर दिया है.
राहुल गांधी हिमाचल आ रहे हैं
वीरभद्र सिंह मजबूत हुये तो धुर विरोधी जीएस बाली और अनिल शर्मा भी पाला बदलकर वीरभद्र सिंह से मिलने चले आये. दिल्ली में वीरभद्र सिंह ने सुक्खू की गैरमौजूदगी में उपाध्यक्ष राहुल गांधी का हिमाचल दौरा भी तय कर दिया. राहुल गांधी 7 अक्टूबर को हिमाचल के मंडी में दौरा कर सकते हैं. यदि राहुल गांधी हिमाचल आये तो निश्चित तौर पर वीरभद्र सिंह के कंधे और अधिक मजबूत होंगे.