शिमला. साल के अंत में प्रस्तावित हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले तीन दिवसीय (22 से 24 सितंबर) दौरे पर पहुंची केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) के दल ने शुक्रवार को शिमला में सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव को लेकर चर्चा की.
एक साथ चुनाव की मांग
बैठक में में राजनीतिक दलों ने आयोग की टीम को सुझाव देते हुए जल्द और पारदर्शिता के साथ चुनाव कराने की अपील की. सीपीआईएम (CPIM) ने गुजरात और हिमाचल में एक साथ चुनाव करवाने की मांग की.
चुनाव को 20 नवंबर के आसपास कराने की मांग
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया पार्टी की ओर से हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए चुनाव करवाने का आग्रह किया गया है. इस बार राज्य की ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी समय से पहले शुरू हो गई है, ऐसे में सभी को वोट देने का एक समान मौका मिले इसलिए चुनाव को 20 नवंबर के आसपास कराने के लिए भी कहा है.
कांग्रेस ने क्या मांग?
कांग्रेस की कानूनी सेल के सदस्य सुशांत कपरेट ने कहा कि आयोग की टीम से चुनाव समय पर कराने के साथ जल्द से जल्द चुनाव आचार संहिता लगाने की भी अपील की है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग के सामने भाजपा सरकार की ओर से की जा रही फिजूलखर्ची का मामला भी उठाया गया है. साथ ही कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ाने के लिए भी कहा ताकि अधिक से अधिक लोग वोट देने आ सके. इसके अलावा तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह पर तैनात प्रशासनिक अधिकारियों का भी तबादला किया जाने को कहा है.
कौन-कौन रहे मौजूद
केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम 24 सितंबर तक हिमाचल प्रदेश के दौरे पर है. राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग के बाद चुनाव आयोग मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी, एसपी पुलिस नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.