भारत सरकार ने अमरनाथ यात्रियों पर हमले में दो पाकिस्तानी सहित चार लोगों के शामिल होने का संदेह जताया है. बुधवार को केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर और पाकिस्तानी नागरिक अबु इस्माइल को घटना के पीछे का मास्टरमाइंड होने की बात कही गई है. अधिकारियों ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए यह संदेह जताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले में दो स्थानीय आतंकी मदद पहुंचा रहे थे.
ऐसा माना जा रहा है कि हमले के बाद आतंकवादियों ने भागने के लिए दो मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया. एक अधिकारी के मुताबिक, चारों आतंकवादियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
यात्रियों को ले जा रही बस का पंजीकरण गुजरात में हुआ था. बस सात जुलाई को जम्मू पहुंची. अमरनाथ श्राइन सुविधा केंद्र में बस का पंजीकरण किया गया.
कब क्या हुआ जानते हैं…
8 जुलाई-यात्रियों ने अमरनाथ गुफा मंदिर में पूजा अर्चना की, वापस लौटते हुए यह बस अपने काफिले से अलग हो गया. सभी यात्री एक दिन श्रीनगर में रुके.
10 जुलाई, शाम 4.30 – श्रीनगर से कटरा के लिए यात्रियों को लेकर बस चली.
10 जुलाई, शाम 6.30– खानाबल से करीब 10 किलोमीटर दूर बस पंक्चर हो गयी, सभी यात्री खाना खाने के लिए बस से उतरे.
10 जुलाई, रात 8.17– खानबल में यात्रियों पर हमला हुआा
गोलियों का सामना कर रहे बस के ड्राइवर सलीम शेख ने सूझबूझ दिखाई और वहां से बस को बचाकर किसी तरह निकाला. घात लगाकर बैठे आतंकवादियों के दूसरे समूह ने महज 75 मीटर की दूरी पर दोबारा बस पर हमला कर दिया.
आखिरकार कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बस रोकी गई. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को अनंतनाग पुलिस लाइन लेकर गए. यहां प्राथमिक उपचार करने के बाद सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया.