सरकार ने छोटे युद्ध के लिए महत्वपूर्ण हथियारों की खरीद का सीधा अधिकार सेना को दे दिया है. गौरतलब है कि यह फैसला सिक्किम के ‘डोका ला’ में चीन के साथ तनाव और जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों को देखते हुए सरकार ने लिया है. इस निर्णय का उद्देश्य है कि सेना कम समय में होने वाली जंग की तैयारी जोरदार तरीके से कर सके.
सेना के विश्वस्त सूत्रों ने अनुसार सरकार के द्वारा यह अधिसूचना दो –तीन पहले ही जारी कर दिया गया था. इसमें सेना के उपप्रमुख को किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने लिए हथियार खरीदने के लिए असीमित अधिकार दिए गये है. यह खरीद 40000 करोड़ रूपये तक की हो सकती है. इस कदम का उद्देश्य सेना की युद्ध की तैयारियों की खामियों दूर करना है.
पाकिस्तान और चीन से चल विवाद को लेकर सरकार के द्वारा उठाया गया यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वहीं सेना के पास प्रयाप्त मात्रा में गोला बारूद नहीं होने के कारण इसे खरीदने की मांग लगातार उठ रही थी.
वहीं सूत्रों के हवाले के अनुसार इन हथियारों को खरीदने के लिए मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति और रक्षा मंत्रालय द्वारा हथियारों की खरीद के लिए बनाई गई रक्षा खरीद परिषद् से भी इसकी मंजूरी लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी. सेना को दिए गये अधिकारों में 46 प्रकार के हथियार और दस तरह के हथियार सिस्टम के कलपुर्जे खरीदने की मंजूरी दी गई है. वहीं 20 अन्य हथियारों को खरीदने के अधिकार का प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है.