बिलासपुर. जिले में 83 स्कूल भवन की हालात काफी जर्जर है. ये कभी भी गिर सकते हैं और कोई भी इसके गिरने से हादसे का शिकार हो सकता है. शिक्षा विभाग ने इन जर्जर भवनों को गिराने के लिए जिले के विभिन्न विभाग की कमिटी बनाकर लोक निर्माण विभाग से सिफारिश की है.
जिले के स्वारघाट क्षेत्र में भी तीस भवन जीर्ण- शीर्ण अवस्था में है. गिरने की कगार पर पहुंचे स्कूल भवन हादसों को न्यौता दे रहे हैं. असुरक्षित भवनों के आकलन के लिए उपमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. लोक निर्माण विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों की अगुवाई में गठित तकनीकी कमेटी ने स्कूलों का निरीक्षण कर भवनों को असुरक्षित घोषित कर दिया है.
घुमारवीं उपमंडल में भी चार स्कूल भवनों को तकनीकी कमेटी ने असुरक्षित घोषित कर दिया है. जिला प्रशासन की ओर से हालांकि असुरक्षित भवनों में न तो कक्षाएं चलाने और न ही विभागीय कामकाज करने के निर्देश जारी कर रखे हैं. लेकिन आधारभूत ढांचे के अभाव के कारण कुछ स्थानों में अभी भी असुरक्षित भवनों का इस्तेमाल हो रहा है. जिले में आँगनबाड़ी केन्द्रों का भी यही हाल है. स्वारघाट उपमंडल में बिना खिड़की दरवाजों के आंगनवाड़ी केंद्र में छोटे -छोटे बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है.
शिक्षा उप निदेशक प्रारंभिक देवेंद्र पाल ने बताया कि असुरक्षित भवनों को गिराने की प्रक्रिया जारी है. अनसेफ स्कूल भवनों में कक्षाएं न चलाने के लिए स्कूल मुखिया को निर्देश जारी किए गए है. बिलासपुर में पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय समेत कर्मचारियों के आवासीय भवन भी जर्जर हालत में हैं. उपायुक्त कार्यालय के साथ सटी विभिन्न विभागों के कार्यालय वाली इमारत भी खतरे को न्यौता दे रही है।