ईवीएम छेड़छाड़ के मामले दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से दो हप्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने की बात कही है. न्याायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई ने अन्य बेंचों में इवीएम को लेकर बीएसपी व अन्य दलों के द्वारा दायर याचिका को अपने पास स्थानांंतरित कर लिया है.
याचिका में ईवीएम मशीनों की विश्वसनियता पर सवाल उठाये गए हैं. याचिका में कहा गया है कि मशीनों में छेड़छाड़ की गई है. इसकी जांच के लिए अमेरिकी विशेषज्ञों से बातचीत करने को कहा गया है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को आदेश दे कि वह इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआरआई दर्ज करे और कोई भी ईवीएम जब्त कर उसकी जांच करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है.
वकील एमएल शर्मा ने याचिका में कहा गया है कि ईवीएम में कई खामियां हैं. इन मशीनों से निष्पक्ष चुनाव और परिणाम नहीं आ सकते हैं. एमएल शर्मा ने ही यह याचिका दाखिल की है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाया था. उन्होंने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में छेड़छाड़ का दावा किया था. जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में ईवीएम के बजाए मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग की थी. इसके बाद कई पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. ट्रोल पेपर लगाने की मांग लंबे समय से की जा रही है.