हिमाचल प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले शिमला नगर निगम के चुनाव में मतदाताओं ने स्पष्ट जनादेश नहीं दिया है. इस परिणाम कांग्रेस-भाजपा दोनों दंग है. चूँकि चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं हुए हैं,
नतीजों के मुताबिक भाजपा ने 17 सीटों पर कब्जा किया है. कांग्रेस को 13 सीटें मिली हैं तीन निर्दलीय उम्मीदवारों को भी इस चुनाव में जीत मिली है, जबकि एक सीट सीपीआई (एम) को जीत मिली है. हालांकि बहुमत के आंकडें से दोनों पार्टियां दूर हैं. ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. कुल मिलाकर शिमला नगर निगम की सत्ता को लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों में खासा घमासान मचने की संभावना है. भाजपा ने इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है.
सुबह शुरू हुए मतगणना के रुझान से नतीजे काफी मिश्रित आ रही थी. वहीं अंतिम 6 वार्डों मतगणना में यह पता नहीं चल रहा था कि किस पार्टी को जीत मिल रही है. दोपहर 2 बजे तक जो स्थिति स्पष्ट हुई थी, उसके मुताबिक कांग्रेस व भाजपा के 12-12 प्रत्याशी चुनाव जीते थे. वार्ड नंबर 22 से मात्र तीन मतों से चुनाव जीती शारदा चौहान ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने में मिनट भी नहीं गंवाया. सदस्यता ग्रहण करते ही मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उनका स्वागत किया.
कांग्रेस व भाजपा ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी थी, क्योंकि चंद महीने के बाद विधानसभा चुनाव भी हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि सत्ता में काबिज रही सीपीआई(एम) को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है.